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एनएसजी का सदस्य बनकर भारत को क्या मिलेगा

Bhupendra blog
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परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) असल में 48 परमाणु संपन्न देशों का समूह है जो कि दुनिया में परमाणु प्रसार को रोकने के लिए काम करते हैं। एनएसजी सदस्य परमाणु विस्तार कार्यक्रमों में इस्तेमाल की जा सकने वाली तकनीक को नियंत्रित करते हैं। परमाणु ऊर्जा वाले तत्वों और उसे बनाने वाले उपकरणों के निर्यात को भी नियंत्रित किया जाता है।
भारत ने मई 1974 में परमाणु परीक्षण किया था। इसके जवाब में मई 1975 में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का गठन किया गया था। तभी इसकी पहली बैठक हुई थी। जब इस समूह का गठन हुआ था तब इसमें केवल सात देश शामिल थे। इसमें कनाडा, पश्चिम जर्मनी, युनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन), फ्रांस, जापान, सोवियत संघ और अमेरिका शामिल थे। लेकिन एनएसजी के गठन के 51 साल बाद वर्ष 2016 में इसमें कुल 48 सदस्य देश हैं। एनएसजी के गठन के समय परमाणु हथियारों की होड़ रोकना ही इसका मकसद था। लिहाजा बाद में परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) को इसका मकसद बना लिया गया। फ्रांस को छोड़कर सभी सदस्यों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर किए हैं।
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