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कांग्रेस फिर देने जा रही ‘गरीबी हटाओ का नारा
-भूमि अधिग्रहण व खाद्य सुरक्षा विधेयक पर सवार हो चुनाव में उतरेगी कांग्रेस
लोकसभा चुनाव के अब मात्र आठ माह रह गए हैं। कांग्रेस खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण विधेयकों के जरिये लोगों तक यह संदेश लेकर जाने की योजना बना रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के ‘गरीबी हटाओ नारे को उनकी बहु सोनिया गांधी आगे बढ़ा रही हैं।
जोरदार प्रचार अभियान की तैयारियों के हिस्से के रूप में कांग्रेस भूमि अधिग्रहण विधेयक पर अपने प्रवक्ताओं और टीवी पैनल के सदस्यों के लिए सोमवार को एक कार्यशाला आयोजित करने जा रही है ताकि वे लोगों को इस प्रस्तावित कानून के लाभों के बारे में जानकारी दे सकें। हाल में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) ने खाद्य सुरक्षा विधेयक पर यही उपाय किया था। दोनों विधेयक लोकसभा से पारित हो चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस हफ्ते राज्यसभा से भी इन्हें मंजूरी मिल जाएगी। सत्तारूढ़ दल इन प्रस्तावित कानूनों को ‘गेम चेंजर मान रहा है।
कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री की टिप्पणी है कि इंदिरा गांधी ने गरीब और समाज के सबसे दबे कुचले लोगों की भूख और कुपोषण की समस्या समाप्त करने के लिए ‘गरीबी हटाओ नारे पर अमल शुरू किया था। उनके अधूरे काम को उनकी बहु सोनिया गांधी पूरा करने की कोशिश कर रही हैं। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश कार्यशाला में प्रस्तावित कानून के फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे। इस कार्यशाला का आयोजन कांग्रेस महासचिव अजय माकन कर रहे हैं। माकन ही एआइसीसी के संचार विभाग के प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला के विचार के पीछे संप्रग सरकार के अच्छे काम का प्रचार करना व उनकी जानकारी जनता तक पहुंचाना है। कार्यशाला के बाद योजना यह है कि प्रवक्ताओं को विभिन्न राज्यों में भेजा जाए ताकि वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अधिकारियों को प्रस्तावित कानून के बारे में जानकारी दे सकें व संवाददाता सम्मेलनों को भी संबोधित कर सकें। इससे पहले खाद्य सुरक्षा विधेयक के समय देखा गया था कि खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री केवी थॉमस ने प्रवक्ताओं को उस बहुप्रचारित विधेयक के बारे में विस्तार से बताया था। प्रचार के लिए एक पुस्तिका भी तैयार की गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के अनुसार, खाद्य सुरक्षा विधेयक और भूमि अधिग्रहण विधेयक के रूप में संप्रग सरकार ने दो ऐसी पहल की है जिसकी तुलना में इतिहास में कुछ और नहीं है। कहा गया है कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि भोजन का हक मिल रहा है। कोई भी व्यक्ति अब भूखा नहीं सोएगा।
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